new|Satya Ka Darshan (OSHO Book Hindi) - Collection of OSHO Talks on multi-dimensional aspects of life - Looking at mind, Love is own's sacrifice, Importance of Feeling, Sutras for Freedom
Brand :OSHO
new|Satya Ka Darshan (OSHO Book Hindi) - Collection of OSHO Talks on multi-dimensional aspects of life - Looking at mind, Love is own's sacrifice, Importance of Feeling, Sutras for Freedom
Brand :OSHO
Product Specifications
Condition
new
Asin
817261358X
Category
Books
Subcategory
Health, Family & Personal Development
Leafcategory
Book
Origin
India
Brandname
OSHO
Height
1
Length
1
Width
1
Weight
1
Product Ranking
#2260 in Books on Painting for Young Adults
#549723 in Books
Product Description
प्रेम है दान स्वयं का आपको पता है ईश्वर के संबंध में? आप जानते हैं? पहचानते हैं? है भी या नहीं है, दोनों बातें आपको पता नहीं हैं। लेकिन बचपन से हम कुछ सुन रहे हैं। और उस सुने को हमने स्वीकार कर लिया है। और उस स्वीकृति पर ही हमारी खोज की मृत्यु हो गई, हत्या हो गई। जो आदमी स्वीकार कर लेता है, वह आदमी अंधा हो गया। ओशो जीवन में जो भी श्रेष्ठ है, वह सब मौजूद है। जीवन में जो भी सुंुदर है, वह सब मौजूद है। जीवन में जो भी सत्य है, वह सब मौजूद है। कोई किताब खोलने की जरूरत नहीं है कि किताब से हम उसे पहचानने जाएंगे, किताब बीच में दीवाल बन जाएगी। कोई विचार करने की जरूरत नहीं है कि हम विचार से उसे समझने जाएंगे, क्योंकि हम विचार से क्या समझेंगे, विचार बाधा बन जाएगा। एक गुलाब के फूल को समझना हो, तो विचार की क्या जरूरत है? और एक चांद की चांदनी को समझना हो, तो विचार की क्या जरूरत है? और एक हृदय के प्रेम को समझना हो, तो विचार की क्या जरूरत है? लेकिन अगर हम प्रेम को भी समझने जाएंगे, तो पहले हम किताब खोलेंगे कि प्रेम यानी क्या?
Product Description
प्रेम है दान स्वयं का आपको पता है ईश्वर के संबंध में? आप जानते हैं? पहचानते हैं? है भी या नहीं है, दोनों बातें आपको पता नहीं हैं। लेकिन बचपन से हम कुछ सुन रहे हैं। और उस सुने को हमने स्वीकार कर लिया है। और उस स्वीकृति पर ही हमारी खोज की मृत्यु हो गई, हत्या हो गई। जो आदमी स्वीकार कर लेता है, वह आदमी अंधा हो गया। ओशो जीवन में जो भी श्रेष्ठ है, वह सब मौजूद है। जीवन में जो भी सुंुदर है, वह सब मौजूद है। जीवन में जो भी सत्य है, वह सब मौजूद है। कोई किताब खोलने की जरूरत नहीं है कि किताब से हम उसे पहचानने जाएंगे, किताब बीच में दीवाल बन जाएगी। कोई विचार करने की जरूरत नहीं है कि हम विचार से उसे समझने जाएंगे, क्योंकि हम विचार से क्या समझेंगे, विचार बाधा बन जाएगा। एक गुलाब के फूल को समझना हो, तो विचार की क्या जरूरत है? और एक चांद की चांदनी को समझना हो, तो विचार की क्या जरूरत है? और एक हृदय के प्रेम को समझना हो, तो विचार की क्या जरूरत है? लेकिन अगर हम प्रेम को भी समझने जाएंगे, तो पहले हम किताब खोलेंगे कि प्रेम यानी क्या?